सुप्रीम कोर्ट की फटकार के 6 घंटे बाद ही सरकार का टेलीकॉम कंपनियों को आदेश, बकाया रकम चुकाएं

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के करीब 6 घंटे बाद ही सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को शुक्रवार रात 11:59 बजे तक बकाया रकम का भुगतान करने के निर्देश दिया। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया और अन्य कंपनियों को सरकार द्वारा तय मियाद से पहले रकम चुकानी होगी। हालांकि, इस आदेश के बाद एयरटेल ने कहा कि वह 20 फरवरी तक 10 हजार करोड़ तक की रकम चुकाएगी। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को ही टेलीकॉम कंपनियों से रिकवरी स्थगित करने पर दूरसंचार विभाग को फटकार लगाई थी। 1.47 लाख करोड़ रुपए के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ज्यादातर कंपनियों ने रकम जमा नहीं करवाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों से पूछा था कि क्यों ना आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए? क्या इस देश में कोई कानून नहीं बचा? इस देश में रहने से बेहतर है कि इसे छोड़कर चले जाना चाहिए।"


सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी की वजह?


दूरसंचार विभाग के राजस्व मामलों से जुड़े एक डेस्क ऑफिसर ने पिछले दिनों संवैधानिक पदों पर बैठे अन्य अफसरों को लिखी चिट्‌ठी में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक टेलीकॉम कंपनियों पर कोई कार्रवाई न की जाए, भले ही वे एजीआर मामले में बकाया भुगतान नहीं करें।


एक डेस्क ऑफिसर अकाउंटेंट जनरल को पत्र लिखता है, क्या यह धनबल नहीं: कोर्ट
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा- "मुझे लगता है कि इस कोर्ट और इस व्यवस्था में काम नहीं करना चाहिए। मैं बहुत दुखी हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी के भाव ऐसा कह रहा हूं। एक डेस्क ऑफिसर अकाउंटेंट जनरल (एजी) को पत्र लिख रहा है। वहां इतना ज्यादा धनबल है। क्या यह पैसे की ताकत का नतीजा नहीं है।" सुप्रीम कोर्ट ने डेस्क ऑफिसर के पत्र का हवाला देकर कहा कि यह कंपनियों पर मेहरबानी का तरीका है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से माफी मांगी। उन्होंने कहा डेस्क ऑफिसर ऐसा नहीं कर सकता। हम इस बारे में स्पष्टीकरण देंगे, कृपया अभी कोई कार्रवाई न करें।


23 जनवरी तक बकाया जमा करने के आदेश थे


सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को आदेश दिया था कि टेलीकॉम कंपनियां 23 जनवरी तक बकाया राशि जमा करें। कंपनियों ने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और टाटा टेली ने भुगतान के लिए ज्यादा वक्त मांगते हुए नया शेड्यूल तय करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसे भी खारिज कर दिया।


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